दुनिया में मेरे लिए रखा क्या है
अब उसका मुझसे वास्ता क्या है
हौसला जुटा रहा हूँ भूल जाऊं
उस बेदर्द का पता ठिकाना क्या है
मन बोझल है उसके दिए दर्द से
आखिर इस दर्द की दवा क्या है
कुछ नहीं होना है हासिल तुझसे
फिर हमारा रिश्ता चुभोता क्या है
तूने हाँ भी कहा तूने ना भी कहा
तेरी बातों में हकीकत कहाँ क्या है
अब उसका मुझसे वास्ता क्या है
दुनिया में मेरे लिए रखा क्या है
--- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
dard itna ki khuda k pas jaane ki ichchha ho jaye .... bahut khoob ...
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