शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

हुआ क्या है

जानम आज तुम्हे हुआ क्या है    
नज़रें चुराने का माज़रा क्या है   

          सूत इतना प्यारा तो नहीं तुम्हारा
          तेरे  गुरुर का  फिर  वज़ह  क्या है

तेरे  खातिर ही  बैठा  हुआ  हूँ  यहाँ  मैं
देख तो सही नज़र मेरी कहती क्या है

         मेरे दिल को ऐंठ रही हैं जुल्फें तेरी
         इस बेदर्द हरकत का सबब क्या है

नज़रें चुराने का  माज़रा क्या है   
जानम आज तुम्हे हुआ क्या है   
                            --- संजय स्वरुप श्रीवास्तव  

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