मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011

पैरोडी -२

( फिल्म "मुक्ति" के गीत "सुहानी चांदनी रातें हमें ....." पर आधारित..... )            
         [गीतकार आनंद बक्शी जी से क्षमायाचना के साथ ]



दर्दीली  वीरान  रातें  हमें  सोने  नहीं  देतीं           
तुम्हारी बेरुखी की बातें हमें सोने नहीं देतीं  
               तुम्हारी कुँवारी आँखों में प्यार के रंग दिखते थे
               कभी वासंती मौसम में सनम हम तुम मिलते थे
               वो  प्यार   भरी  सौगातें  हमें  सोने  नहीं   देतीं
तुम्हारी बेरुखी की बातें हमें सोने नहीं देतीं 
दर्दीली   वीरान  रातें  हमें  सोने  नहीं  देतीं         
               कहीं आह ना लग जाए तुझे मेरे टूटे दिल के
               जा ऐ बेवफा टुकड़े हो जाएँ तेरे भी दिल के
               कि टूटे दिल की टीसें हमें सोने नहीं देतीं        

तुम्हारी बेरुखी की बातें हमें सोने नहीं देतीं 
दर्दीली   वीरान  रातें  हमें  सोने  नहीं  देतीं 
                                     --- संजय स्वरुप श्रीवास्तव  

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