प्रकृति की पंखुड़ियाँ
समर्पित खुद के माज़ी के बेशकीमती लम्हातों को .....
गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011
कथ्य - ७
उड़ने के लिए
आकाश खाली है
पर हर कोई
आकाश छू तो नहीं सकता ....
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