समर्पित खुद के माज़ी के बेशकीमती लम्हातों को .....
यह
प्रीत, प्यार का जो नाटक
हम लोग जवानी में खेलते हैं
केवल समय बिताने वाली बात है
और कायर बना देती है...
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