रफ्ता-रफ्ता आप के करीब हुए जा रहे हैं हम
रफ्ता-रफ्ता खुद से दूर हुए जा रहे हैं हम
बहुत दिनों से सोच रहा हूँ कह दूँ राज-ए-दिल
रफ्ता-रफ्ता हौसला जुटाए जा रहे हैं हम
औरों की तरह तुम बेवफा ना निकलो
रफ्ता-रफ्ता यही सोचे जा रहे हैं हम
मेरी ग़ज़लों में अक्श धुंधली है आपकी
रफ्ता-रफ्ता इसे संवारते जा रहे हैं हम
ज़रा मेरी ग़ज़लों की तरफ तवज्जो तो दीजिये
रफ्ता-रफ्ता आपकी तारीफ़ किये जा रहे हैं हम
दरिया हैं, घाटी हैं या हैं मैखाना आपकी आँखें
रफ्ता-रफ्ता आँखों में गुम हुए जा रहे हैं हम
रफ्ता-रफ्ता खुद से दूर हुए जा रहे हैं हम
रफ्ता-रफ्ता आप के करीब हुए जा रहे हैं हम
---- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
रफ्ता-रफ्ता खुद से दूर हुए जा रहे हैं हम
बहुत दिनों से सोच रहा हूँ कह दूँ राज-ए-दिल
रफ्ता-रफ्ता हौसला जुटाए जा रहे हैं हम
औरों की तरह तुम बेवफा ना निकलो
रफ्ता-रफ्ता यही सोचे जा रहे हैं हम
मेरी ग़ज़लों में अक्श धुंधली है आपकी
रफ्ता-रफ्ता इसे संवारते जा रहे हैं हम
ज़रा मेरी ग़ज़लों की तरफ तवज्जो तो दीजिये
रफ्ता-रफ्ता आपकी तारीफ़ किये जा रहे हैं हम
दरिया हैं, घाटी हैं या हैं मैखाना आपकी आँखें
रफ्ता-रफ्ता आँखों में गुम हुए जा रहे हैं हम
रफ्ता-रफ्ता खुद से दूर हुए जा रहे हैं हम
रफ्ता-रफ्ता आप के करीब हुए जा रहे हैं हम
---- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
kisi ke kareeb jaane ko bade saleeke se madhurta ke sath bayan kiya hai tumne sanjay ....
जवाब देंहटाएं