समर्पित खुद के माज़ी के बेशकीमती लम्हातों को .....
बुधवार, 16 फ़रवरी 2011
आ जा यार मेरे
आ जा यार मेरे तेरे बिन सूना मन मेरा आ जा प्यार मेरे तेरे बिन प्यासा तन मेरा आ जा दिलदार मेरे तेरे बिन बेचैन दिल मेरा आ जा सनम मेरे तेरे लिए बेचैन बाँहें मेरी आ जा करार मेरे तेरे बिन बेक़रार आँखें मेरी आ जा हमसफ़र मेरे तेरे बिन बेतरतीब धड़कने मेरी .... --- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
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