मैंने एक गीत लिखा है आओ तुम्हें सुनाता हूँ
शब् के ख्वाबों को दिल के आईने में दिखाता हूँ
मोहब्बत की सिहरन है मदमस्त फिजाओं में
एक दिल की अंगडाई है दिलकश नजारों में
आओ इन फिजाओं इन नज़ारों को दिखाता हूँ
खुशबु है फैली हुई मेरे दिल से उसके दिल तक
आओ इन राहों में इश्क का एहसास करता हूँ
धड़कते दिल की सदा मेरे होठों पे मचल रही है
लब से लब मिलने दो प्यार की सरगम सुनाता हूँ
कौन आ बसा है मेरे ख्वाबों ख्यालों की दुनिया में
आ झांक ज़रा दिल में तुझे उसकी सूरत दिखाता हूँ
अपनी मजबूरियां दिखा के किसी दिन चली जायेगी
इस तल्ख़ हकीकत से रोजाना दो-चार हुआ करता हूँ
तुम्हारी खामोश होठों की नरमियों की कसम
ये मेरी हैं मेरी ही रहने देना तुम्हें बताता हूँ
शब् के ख्वाबों को दिल के आईने में दिखाता हूँ
मैंने एक गीत लिखा है आओ तुम्हें सुनाता हूँ
--- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
शब् के ख्वाबों को दिल के आईने में दिखाता हूँ
मोहब्बत की सिहरन है मदमस्त फिजाओं में
एक दिल की अंगडाई है दिलकश नजारों में
आओ इन फिजाओं इन नज़ारों को दिखाता हूँ
खुशबु है फैली हुई मेरे दिल से उसके दिल तक
आओ इन राहों में इश्क का एहसास करता हूँ
धड़कते दिल की सदा मेरे होठों पे मचल रही है
लब से लब मिलने दो प्यार की सरगम सुनाता हूँ
कौन आ बसा है मेरे ख्वाबों ख्यालों की दुनिया में
आ झांक ज़रा दिल में तुझे उसकी सूरत दिखाता हूँ
अपनी मजबूरियां दिखा के किसी दिन चली जायेगी
इस तल्ख़ हकीकत से रोजाना दो-चार हुआ करता हूँ
तुम्हारी खामोश होठों की नरमियों की कसम
ये मेरी हैं मेरी ही रहने देना तुम्हें बताता हूँ
शब् के ख्वाबों को दिल के आईने में दिखाता हूँ
मैंने एक गीत लिखा है आओ तुम्हें सुनाता हूँ
--- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
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