प्रकृति की पंखुड़ियाँ
समर्पित खुद के माज़ी के बेशकीमती लम्हातों को .....
मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011
कथ्य-५
कुछ
अहसास सुन्दर होते हैं
और
कुछ अहसासों की कल्पना
और भी सुन्दर .......
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