गुरुवार, 27 जनवरी 2011

कौन ???

नयनों
की
सीमा में
इठलाती आई,
दृगों 
की राह
दिल में
समाई,
बाहों में मेरी
शर्माती आई
सुशुप्त भावों
को
हिलोर गई !
        कौन  ??
        पता नहीं......... !!
                   ------ संजय स्वरुप श्रीवास्तव
                          

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