नशा सा हो रहा है आँखों में उसकी झांकने से
खुशनुमां हो रहा है जीवन, जीवन में उसके आने से
नुमायाँ हो रहा है ज़न्नत आँचल उसका ढलकने से
गुमान हो रहा है बाजुओं में उसके आ समाने से
प्यार है क्या चीज़ अब तलक नहीं जानता था मैं
प्यार को समझा है बखूबी सामिप्य उसका पाने से
प्रेम की देवी कहूँ उसे या कहूँ शोखियों की मलिका
प्रेम औ' शोख अदाएं लूट लायी है खुदा के खजाने से
तमाम कोशिशें कर डालीं खफा उससे रह लेने की
बेबस हो गया हूँ खुद को उसके दिल में समाने से
अब जब कि बन चुकी है वो मेरे दिल की धड़कन
तो कैसे रोक दूं उसे मैं अपने दिल में धड़कने से
नशा सा हो रहा है आँखों में उसकी झांकने से
खुशनुमां हो रहा है जीवन, जीवन में उसके आने से
नुमायाँ हो रहा है ज़न्नत आँचल उसका ढलकने से
गुमान हो रहा है बाजुओं में उसके आ समाने से
प्यार है क्या चीज़ अब तलक नहीं जानता था मैं
प्यार को समझा है बखूबी सामिप्य उसका पाने से
प्रेम की देवी कहूँ उसे या कहूँ शोखियों की मलिका
प्रेम औ' शोख अदाएं लूट लायी है खुदा के खजाने से
तमाम कोशिशें कर डालीं खफा उससे रह लेने की
बेबस हो गया हूँ खुद को उसके दिल में समाने से
अब जब कि बन चुकी है वो मेरे दिल की धड़कन
तो कैसे रोक दूं उसे मैं अपने दिल में धड़कने से
नशा सा हो रहा है आँखों में उसकी झांकने से
खुशनुमां हो रहा है जीवन, जीवन में उसके आने से
--- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
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