करूँ क्या मैं
तादात्म्य स्थापित करूँ कैसे मैं
अपने औ' औरों के मध्य
स्वयं को परिवर्तित करूँ
या
समाज को ही बदल डालूं
पर
राह है दुरूह दोनों ही मेरे लिए
क्योंकि
भुजाओं में मेरी शक्ति नहीं
समाज को बदलने के लिए
आत्मविवेचना व आत्मविश्वास नहीं
स्वयं को परिवर्तित करने के लिए
तो फिर
क्या करूँ मैं
तादात्म्य स्थापित करूँ कैसे मैं
अपने औ' औरों के मध्य
स्वयं को परिवर्तित करूँ
या
समाज को ही बदल डालूं
पर
राह है दुरूह दोनों ही मेरे लिए
क्योंकि
भुजाओं में मेरी शक्ति नहीं
समाज को बदलने के लिए
आत्मविवेचना व आत्मविश्वास नहीं
स्वयं को परिवर्तित करने के लिए
तो फिर
क्या करूँ मैं
तादात्म्य स्थापित करूँ कैसे मैं
अपने औ' औरों के मध्य
---- संजय स्वरुप श्रीवास्तव
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