रविवार, 18 नवंबर 2012

आखिरी मुलाकात


वो आखिरी मुलाकात याद है मुझे  
मोहब्बत की जब हुई शाम याद है मुझे

किस अदा से उसने कहा था बाय      
वो आखिरी लफ्ज़ उसका याद है मुझे

किसे पता था यही है सफ़र आखिरी  
जुदा होने का वो पल याद है मुझे

मिल न सके हम फिर कभी उससे  
या खुदा तेरा कहर याद है मुझे

तनहा कर गया है वो तन्हाई में
उसकी शोहबत का हर लम्हा याद है मुझे

उससे इक मुलाकात का तलबगार हूँ मैं  
तंगदिली ज़माने की याद है मुझे 

मोहब्बत की जब हुई शाम याद है मुझे
वो आखिरी मुलाकात याद है मुझे  
                           ---  संजय स्वरुप श्रीवास्तव 

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